पढि़ए प्रतिदिन : एक नया गीत

Wednesday, September 22, 2010

गीत 52 : तुमि आमार आपन, तुमि आछो आमार काछे

तुम ही मेरे अपने हो, तुम हो रहते पास मेरे
कह लेने दो यह बात, हाँ, कह लेने दो।
मेरे जीवन का सारा आनंद, है तुममें ही
कह लेने दो यह बात, हाँ, कह लेने दो।

मुझे सुधामय सुर दो,
मेरी वाणी सुमधुर करो-
मेरे प्रियतम तुम, यह बात
कह लेने दो, हाँ, कह लेने दो।

यह निखिल आकाश-धरा
यह सब तुमसे ही भरा-पूरा,
मुझे यह बात हृदय से अपने
कह लेने दो, हाँ, कह लेने दो।

दुःखी जानकर पास आ जाओ,
छोटा मानकर प्यार जताओ,
मेरे छोटे मुख से यह बात
कह लेने दो, हाँ, कह लेने दो।

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