वे आए थे दिन में ही
मेरे घर में--
कहा था, पड़े रहेंगे
यहीं पास में ।
कहा था, भगवद्सेवा में
होंगे हम सहायक तुम्हारे
मिलेगा जो कुछ प्रसाद
लेंगे बाद पूजा के ।
इसी तरह दरिद्र क्षीण
मलिन वेश में
ससंकोच एक कोने में
आए, रहे वे ।
रात में देखा, प्रबल होकर
मेरे देवालय के पास
हरण करते पूजा की बलि
मलिन हाथ से ।
मेरे घर में--
कहा था, पड़े रहेंगे
यहीं पास में ।
कहा था, भगवद्सेवा में
होंगे हम सहायक तुम्हारे
मिलेगा जो कुछ प्रसाद
लेंगे बाद पूजा के ।
इसी तरह दरिद्र क्षीण
मलिन वेश में
ससंकोच एक कोने में
आए, रहे वे ।
रात में देखा, प्रबल होकर
मेरे देवालय के पास
हरण करते पूजा की बलि
मलिन हाथ से ।
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